रायपुर : पीसीसी चीफ दीपक बैज ने इंद्रावती नदी बचाने जन आंदोलन करने की चेतावनी दी। X पोस्ट में लिखा, हमारा बस्तर डबल इंजन के कुशासन की भरपाई करने के लिए मजबूर है। भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात का यह हाल देखिए
इंद्रावती नदी छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान का वह अंश है जोकि बस्तर की जीवनदायनी नदी है। हमारे आदिवासी, किसान, जीव-जंतु, हमारा जंगल इंद्रावती पर निर्भर है। ओडिसा से निकलने वाली इंद्रावती की कुल लंबाई 535 किमी है। जिसमें ओडिसा में 164 किमी और छत्तीसगढ़ में 233 किमी की यात्रा इंद्रावती करती है याने इंद्रावती का आधा हिस्सा छत्तीसगढ़ से होकर गुजरता है लेकिन दोनों तरफ की डबल इंजन सरकार का कमाल देखिए कि आज छत्तीसगढ़ में केवल 16% पानी ही छोड़ा जा रहा है।
चित्रकोट जलप्रपात का यह हाल भाजपा सरकार की बस्तर के साथ की जा रही बेईमानी को बयां कर रही है। प्रदेश के टूरिज्म को बढ़ावा देने का दंभ भरने वाली सरकार धरती की प्यास बुझाने के काबिल नहीं बची है पर्यटन तो दूर की कौड़ी रही। मेरा बचपन यहां बीता है, मैंने इस नदी में तैरना सिखा है, बहाव को काटकर आगे बढ़ना सिखा है इसलिए बस्तर और इंद्रावती के इस दर्द को महसूस कर सकता हूं। दोनों तरफ की डबल इंजन सरकार से मेरी दरख्वास्त है कि बस्तर की छाती पर आरी चलाना बंद करें। यह प्रकृति का दिया आशीर्वाद है, बस्तरवासियों से उनका अधिकार मत छीने।
बस्तर का हर आम जनमानस अब इंद्रावती को बचाने की लड़ाई लड़ने तैयार है। जल्द ही इंद्रावती नदी बचाने जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा और इस गूंगी बहरी सरकार से अपना अधिकार लिया जाएगा।