छत्तीसगढ़/ कोरबा जिले में भू -विस्थापितों ने SECL कुसमुंडा प्रबंधन का किया पुतला दहन गेवरा बस्ती से लेकर मुख्यमहाप्रंधक ऑफिस तक राजीव सिंह का शव यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों भू विस्थापित शामिल हुए । मुख्यमहाप्रबंधक ऑफिस के सामने मुख्यमहाप्रबंधक का पुतला दहन कर मुंडन भी किया गया , बताया जा रहा कि ग्राम पाली के जमीन पर अधिग्रहण करने SECL का ग्राम पाली में दबाव बनाया जा रहा है । जिसमें SECL के प्रबंधन ने जबरजस्ती उत्खनन कार्य करने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंच गए थे ।

लेकिन ग्राम पाली वासियों को सूचना मिली तो काम को बंद करा दिया , तब SECL प्रबंधन ने निजी ठेका कंपनी नीलकंठ इंफ्रा माइनिंग लिमटेड में काम कर रहे 115 मजूदरों को निष्काशित करवा दिया । जिसे भू- विस्थापितों में और भी आक्रोश बढ़ गया फिर सभी भू -विस्थापित एवं श्रम सेवा भू-विस्थापित कामगार संगठन मिलकर आज दिनांक 16/04/2025 को SECL का सभी काम को बंद कर विरोध प्रदर्शन किया गया , आगे उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है, निष्कासित किए गए लोगों यदि नीलकंठ कंपनी बहाली नहीं करती है,

तो वे नीलकंठ कंपनी का व SECL कुसमुंडा खदान का कोयला उत्पादन व कोयला परिवहन को रोक देंगे। जिसका जिम्मेदार स्वयं SECL कुसमुंडा प्रबंधन होगा , क्योंकि भू विस्थापितों के साथ अन्याय हो रहा है, उनको निष्कासित कर उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है, और उन्होंने बताया कि नीलकंठ कंपनी को निष्कासित करने का अधिकार नहीं है, नीलकंठ कंपनी की सभी ओबी की (मिट्टी कटिंग) की गाड़ियां खड़ी है ,अब कंपनी को अपने कर्मचारियों को वेतन देना है, इसलिए कंपनी एक रवैए अपनाई हुई है, नो वर्क नो पे, का । जिसमें SECL कुसमुंडा प्रबंधन नीलकंठ कंपनी को मोहरा बना कर गांव वालों की जमीन अधिग्रहण करना चाहती है, जिसमें एस डी एम रोहित सिंह द्वारा ये कहा गया है,की पाली गांव के लोगों को नीलकंठ कंपनी से बाहर निकलो, और जिनका जिनका जमीन में लोगों को SECL कुसमुंडा नौकरी दे चुकी है उन्हीं का जमीन खोदेंगे,जो कि बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं है, जिसमें SECL कुसमुंडा प्रबंधन और एसडीएम तहसीलदार की मिलीभगत साफ साफ दिख रही है।बिना मुआवजा बिना नौकरी बसाहट दिए जमीन अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है,जिसका ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। भू विस्थापितों ने यह भी कहा कि जिले जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं,जो वोट ये बोलकर मांगे हैं कि आपके हर सुख दुःख में साथ रहेंगे। भू विस्थापितों संगठन का कहना है, की अब वे अपना लड़ाई स्वयं लड़ेंगे और जीतेंगे।