कोरबा : जिले के कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम-गेवरा के मुआवजा व नौकरी में विलम्ब होने एवं समय सीमा निर्धारित ना होने के सम्बंध मे दिनांक 4/1/2025 से अनिश्चितकालिन हडताल करने ग्रामवासियों ने प्रबंधन को पत्र लिखा है।
1. हमारे ग्राम गेवरा को एसईसीएल कुसमुण्डा परियोजना द्वारा वर्ष 13 मई 2014 से स्टे लगाकर व 18 जुलाई 2018 से अधिग्रहण करके रखा हुआ है. और आज यह प्रक्रिया को देखते देखते 10 वर्ष 6 माह हो गया है लेकिन आज तक प्रक्रिया पुर्ण नही कराया गया है और ना हि मुआवजा पत्रक ठीक से बन पाया है।
2. एसईसीएल के अधिकारीयों का सुस्त रवईया देखकर हमारे ग्रामवासीयों मे भारी आकोश पैदा हो रहा है क्योकि इस जमीन अधिग्रहण का व मुआवजा, नौकरी किसानो को कब प्राप्त होगा, इसका कोई समय सीमा निर्धारित नही है जैसे कि एसईसीएल किसानो पर हिटलर कि तरह शासन कर रही है जैसे कि ग्राम में एक बार धारा 4 लगा दो फिर अपने मनमर्जी से 20-30 वर्षों के बाद किसानो को मुआवजा व नौकरी प्रदान करते है, तब तक कईओं का नौकरी करने का उम्र निकल जाता है और कई किसान बिमारी से ग्रस्त हो जाते है उसके बाद अधिकारीगण बोलते है कि आपका बच्चा तो भुमि अधिग्रहण के बाद पैदा हुआ है, फिर उन्हे भी नौकरी से वंचित कर दिया जाता है।
3. मुआवजा व नौकरी में विलम्ब होने के कारण हमारे बच्चों व युवा वग्रो का नौकरी करने का उम्र निकलता जा रहा है जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है, जिस प्रकार से जमीन का मुआवजा विलम्ब होने से धारा 4 से ब्याज देने का प्रवधान है उसी प्रकार से जो नौकरी में पात्रता रखता है उसे धारा 4 से उचित मासिक भत्ता प्रदान करें।
4. ग्राम गेवरा का मुआवजा व नौकरी 1 माह के भितर तत्काल प्रदान कीया जायें। क्योकि पुर्व मे दिनांक 16/8/2024 को हमारे ग्रामवासीयों द्वारा हडताल के लिए विज्ञापन दिया गया था एवं दिनांक 15/8/2024 को अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा, जीएम कुसमुण्डा व ग्राम गेवरावासीयों कि उपस्थिति में कुसमुण्डा आफिस के सभा कक्ष में त्रिपक्षीय वार्ता सम्पन्न हुआ था। जिसमे एसईसीएल कुसमुण्डा प्रबंधक द्वारा 3 माह के अन्दर ग्राम गेवरा का मुआवजा वितरण परम्भ हो जाऐगा करके अश्वासन दिया गया था, लेकिन आज तक वह अश्वासन पुर्ण नहीं हुआ।
5. ग्राम गेवरा को स्टे लगाये 10 वर्ष से उपर हो जाने के कारन पुगरे गरीब किसान अपने जमीन को अपने बच्चों के शादी व्यह, मरनी हरनी वरण हमारे बमारी के लिए ना बेच पा रहे है और ना हि गिरवी रख पा रहे है।
6. गेवरा खदान व कुसमुण्डा खदान दोनो तरफ से नजदीक आ जाने के कारण खेतो में फसल नहीं हो पा रहा है. जिससे सभी किसान परेशान है।
7 . खदान नजदीक आ जाने के कारण एवं हैवी ब्लाटिंग से हमारे बोरवेल्स धस रहे है, कुआ सुख गये है और हमारे घरों मे बडे – बडे दरारे आ गये है।
निम्न सभी बिंदुओं को लेकर ग्रामवासियों ने 15 दिवस के भीतर सीएमडी लेवल के अधिकारीयों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करने एवं इन समस्याओं का उचित निराकरण करने की बात कही है, अन्यथा सभी ग्रामवासी दिनांक 4/1/2025 से कुसमुण्डा खदान को बन्द करने हेतु विवश होंगे, जिसकी सम्पुर्ण जिम्मेदारी एसईसीएल कुसमुण्डा प्रबंधन की होने की बात कही है।