
Vastu Tips: रसोईघर हमेशा पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि अग्नि तत्व का संबंध इन दिशाओं से होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि आती है.गलत दिशा में बनी रसोई से धन हानि और मानसिक तनाव की संभावना बढ़ जाती है.
रसोई में भोजन बनाते समय मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है,जो परिवार की सेहत और आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है.इससे गृहलक्ष्मी के प्रयासों को भी शुभ फल मिलते हैं.
रसोईघर में पानी का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए.पानी का संबंध समृद्धि और शुद्धता से है.यदि पानी का स्थान गलत दिशा में रखा जाए,तो इससे आर्थिक अड़चनें आ सकती हैं और घर में धन का संचय रुक सकता है.
गैस चूल्हा और सिंक के बीच उचित दूरी होना चाहिए.अग्नि और जल तत्व का टकराव घर में कलह और वित्तीय समस्याएं ला सकता है.यदि दोनों पास में हों,तो उनके बीच लकड़ी का विभाजन या कोई रक्षक वस्तु अवश्य रखें.
रसोई में टूटा-फूटा बर्तन न रखें.वास्तु के अनुसार टूटी चीजें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और घर में गरीबी के संकेत माने जाते हैं.साफ-सुथरे और सही अवस्था वाले बर्तन घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाते हैं.
भोजन बनाने के स्थान को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें.वास्तु मान्यताओं के अनुसार गंदगी और अव्यवस्था से लक्ष्मी का वास प्रभावित होता है.स्वच्छ रसोई से परिवार में खुशहाली और धनवृद्धि सुनिश्चित होती है.
रसोई में लाल,नारंगी और पीले रंगों का प्रयोग करें.ये रंग ऊर्जा,समृद्धि और सकारात्मकता के प्रतीक हैं.दीवारों,पर्दों या अन्य सजावट में इन रंगों का संयोजन घर में आर्थिक वृद्धि और आनंद का वातावरण बनाता है.