
कोरबा जिले में जंगली जानवरों के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। पहली घटना बालको थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेला के टापरा गांव में हुई, जहां 65 वर्षीय चंद्रमती राठिया पर तेंदूपत्ता तोड़ने के दौरान भालू ने हमला कर दिया। दूसरी घटना ग्राम गुरसिया बीट के नेटीभैसा जंगल में हुई, जहां जंगली सूअर ने तीन ग्रामीणों पर हमला किया।
भालू के हमले में महिला घायल
चंद्रमती राठिया गांव से लगे जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गई थीं, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया। हमले में उनका बायां हाथ बुरी तरह घायल हो गया और वह खून से लथपथ हालत में मिलीं। महिला के चीखने पर भालू भाग गया, नहीं तो जानलेवा हमला हो सकता था। डायल 112 की कोबरा-01 टीम ने तुरंत कार्रवाई कर उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। चंद्रमती ने बताया कि वह पहले भी तेंदूपत्ता तोड़ने जाती रही हैं, लेकिन भालू से पहली बार सामना हुआ, जिससे वह डरी हुई हैं।
जंगली सूअर के हमले में तीन घायल
शनिवार दोपहर ग्राम गुरसिया बीट के नेटीभैसा जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों पर जंगली सूअर ने हमला कर दिया। इस हमले में सुहानी (18) पुत्री पिता जय करण, पवारो बाई (42) पत्नी हीरा और गंभीर साय (80) घायल हो गए। तीनों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
वन विभाग की लापरवाही पर सवाल
इन घटनाओं ने तेंदूपत्ता सीजन के दौरान जंगलों में सुरक्षा के अभाव को उजागर किया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और तेंदूपत्ता तोड़ने वालों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। वन विभाग का दावा है कि जंगल से लगे गांवों में निगरानी रखी जा रही है और मुनादी भी की जाती है, लेकिन गर्मियों में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।