
वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन की कई छोटी-बड़ी वस्तुएं हमारे जीवन में गहरे प्रभाव डालती है। इनमें जूते-चप्पल भी शामिल हैं। यह केवल पहनने की चीज़ नहीं, बल्कि ज्योतिष और वास्तु के अनुसार हमारे भाग्य को भी प्रभावित करते हैं। आज हम हम समझेंगे कि जूतों का ग्रहों से क्या संबंध है और हमें किस रंग के जूते-चप्पल पहनने चाहिए।
पैरों से जुड़ा होता है ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में पैरों का संबंध मीन राशि से माना गया है। वहीं शनि और राहु ग्रहों का प्रभाव भी पैरों और उनसे जुड़ी चीजों पर होता है। जब कोई व्यक्ति जूते या चप्पल पहनता है, तो यह ग्रह सक्रिय हो सकते हैं। यदि इनके प्रयोग में लापरवाही की जाए, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य, मान-सम्मान और आर्थिक स्थिति में नुकसान हो सकता है। इसीलिए जूतों का सही ढंग से उपयोग करना ज़रूरी माना गया है।
कौन से रंगों के जूते नहीं पहनने चाहिए?
यदि आपकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में है, तो हरे रंग के जूते पहनने से परहेज करें। अगर मंगल ग्रह प्रभावी है, तो लाल रंग के जूते टालना बेहतर होगा। पीले रंग के जूते-चप्पल बिल्कुल भी न पहनें। यह रंग बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होता है, जो ज्ञान और शुभता का प्रतीक है। इसे पैरों में पहनना अनिष्टकारी माना जाता है और इससे जीवन में रुकावटें व आर्थिक तंगी आ सकती है।
जूते-चप्पल पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान
- पहनने से पहले जूते-चप्पल को साफ कर लें।
- धूलभरे या गंदे जूते पहनने से अनावश्यक भागदौड़ बढ़ सकती है।
- इन्हें बेतरतीबी से इधर-उधर न फेंकें। हमेशा एक निश्चित और स्वच्छ स्थान पर रखें।
- जूते-चप्पलों को रसोई या पूजा स्थान के पास रखना अशुभ माना जाता है।
- बिस्तर के पास चप्पल रखने की आदत मानसिक बेचैनी का कारण बन सकती है।
- बेहतर होगा अगर जूतों के लिए एक स्थायी, स्वच्छ स्थान निर्धारित किया जाए, जिससे घर में स्थायित्व और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
सफेद रंग को सभी रंगों का संतुलन कहा जाता है। इसलिए सफेद जूते-चप्पल सभी के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ये किसी भी ग्रह पर नकारात्मक असर नहीं डालते। यथासंभव लाल, हरे, गुलाबी या बैंगनी रंग के जूते कम ही पहनें और पीले रंग से तो पूरी तरह बचें।