
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार और संभल जिला प्रशासन को शाही जामा मस्जिद के विवादित कुएं को लेकर कोई भी कदम उठाने से रोक दिया। इस कुएं का आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा मस्जिद के बाहर है। कोर्ट ने इस मामले में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की जरूरत की बात कही है। आपको बता दें कि इसी इलाके में मस्जिद के स्थान पर एक हिंदू मंदिर होने का दावा किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की जिस बेंच ने इस मामले पर रोक लगाई है उसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार शामिल थे। पीठ ने आदेश दिया कि संभल नगर पालिका परिषद द्वारा दिसंबर 2024 में जारी किए गए नोटिस पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। नोटिस में कुएं की सफाई, संपत्ति की जांच और मस्जिद के बाहरी हिस्से को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोलने की बात की गई थी। कोर्ट ने इस मामले पर कड़ी निगरानी रखने की बात कही है।
आपको बता दें कि इस मामले में अब 21 फरवरी को सुनवाई होगी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को दो सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में शाही जामा मस्जिद के प्रबंधन समिति द्वारा एक याचिका दाखिल की गई थी। उनके द्वारा निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया गया था। मस्जिद के प्रबंधन का आरोप था कि सर्वे बिना किसी सूचना के किया गया और यह कार्रवाई अवैध तरीके से और जल्दबाजी में की गई थी। इस सर्वे के बाद 24 नवंबर 2024 को संभल में हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें चार लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे।