13 अप्रैल से हिन्दी महीने वैशाख की शुरुआत हो गई है. यह मास भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इस माह में दान पुण्य करना बहुत फलदायी होता है. कहा जाता है वैशाख महीने में किया गया दान-पुण्य जन्म-जन्मांतर तक रहता है. यह भी मान्यता है कि वैशाख महीने में ही त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी. आपको बता दें कि 13 अप्रैल से शुरू हुआ वैशाख महीने की समाप्ति 12 मई को होगी. ऐसे में आइए जानते हैं इस दौरान पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार.

वैशाख महीने के व्रत और त्योहार लिस्ट 2025 – 

  1. 14 अप्रैल दिन सोमवार को मेष संक्रांति
  2. 16 अप्रैल दिन बुधवार को विकट संकष्टी चतुर्थी
  3. 24 अप्रैल दिन गुरुवार को वरुथिनी एकादशी
  4. 25 अप्रैल दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत
  5. 26 अप्रैल दिन शनिवार को मासिक शिवरात्रि
  6. 27 अप्रैल दिन रविवार को वैशाख अमावस्या
  7. 29 अप्रैल दिन मंगलवार को परशुराम जयंती
  8. 30 अप्रैल दिन बुधवार को अक्षय तृतीया
  9. 1 मई दिन गुरुवार को विनायक चतुर्थी
  10. 2 मई दिन बुधवार को शंकराचार्य जयंती, सूरदास जयंती, रामानुज जयंती
  11. 3 मई दिन गुरुवार को गंगा सप्तमी
  12. 5 मई दिन सोमवार को सीता नवमी
  13. 8 मई दिन गुरुवार को मोहिनी एकादशी
  14. 9 मई दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत
  15. 11 मई दिन रविवार को नरसिंह जयंती
  16. 12 मई दिन सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा व्रत

वैशाख महीने में क्या करें क्या नहीं – 

  • मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास में किए गए पुण्य विशेषकर दान का अक्षय फल प्राप्त होता है. इस महीने में विवाह, मुंडन, जनेऊ जैसे शुभ काम करना अच्छा माना जाता है. 
  • इस महीने जरूरतमंदों को जल, घड़े, चरु, मिट्टी के बर्तन, सत्तू, शरबत, खीरा, खरबूज, तरबूज, छाता, जूते, चप्पल का दान करना अच्छा माना जाता है. 
  • सुबह जल्दी उठना चाहिए और जल्दी सोना चाहिए. कोशिश करिए इस दौरान भूमि पर ही सोएं. यहां तक इस माह में पवित्र नदियों या सरोवर में स्नान करिए. अगर ऐसा संभव न हो तो घर में ही नहाने के पानी में काला तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
  • जल को बर्बाद ना करें.
  •  इस महीने में मां लक्ष्मी की पूजा रूर करें.
  • विष्णु सहस्त्रनाम और विष्णु चालीसा का पाठ करें.
  • तुलसी में जल जरूर अर्पित करिए.