पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने ही घर में चौतरफा घिरती नजर आ रही हैं. वजह है वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा. इस हिंसा की वजह से करीब 500 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. गर्भवती महिलाओं से लेकर छोटे-छोटे बच्चों तक, ये पीड़ित मालदा शरणार्थी गृह में रहने को मजबूर हैं. इनके घर दंगाइयों ने लूट लिए. दुख इतना ज्यादा है कि ममता दीदी के लिए भी इसकी भरपाई कर पाना संभव नहीं है. बीजेपी और टीएमसी के बीच इसे लेकर टकराव भी जारी है. इस सबके बीच हालात का जायजा लेने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम मालदा और मुर्शिदाबाद के हिंसा वाली जगहों पर पहुंची हैं. वहां के जमीनी हालात पर ये दोनों ही लोग रिपोर्ट तैयार करेंगे.
मुर्शिदाबाद में कब क्या हुआ, टाइमलाइन देखिए
- 8 अप्रैल: वक्फ कानून पर मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा
- 9 अप्रैल: ममता दीदी ने को कहा कि वक्फ कानून नहीं होगा लागू
- 10 अप्रैल: हिंसा फैलाने के आरोप में 22 लोगों की गिरफ्तारी
- 11 अप्रैल: मुर्शिदाबाद में हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया
- 12 अप्रैल: हिंसक भीड़ ने तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
- 13 अप्रैल: खबर आई कि धुलियाना में 500 लोग घर छोड़कर कहीं और चले गए
- 14 अप्रैल: 24 परगना में पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले किया गया
- 15 अप्रैल: मुर्शिदाबाद हिंसा के बांग्लादेशी कनेक्शन का पता चला
- 16 अप्रैल: सीएम ममता बनर्जी ने मौलानाओं और इमामों संग मीटिंग की
- 17 अप्रैल: मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार ने रिपोर्ट पेश की
मालदा पहुंचे राज्यपाल, मुर्शिदाबाद भी जाएंगे
इस बीच सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू होगा. पिछले दिनों ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुर्शिदाबाद न जाने की अपील की थी. लेकिन ममता दीदी के अनुरोध को दरकिनार कर राज्यपाल हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंचे हैं. क्या ममता बनर्जी को किसी बात का डर है. क्या ऐसा कोई राज वहां दफन है. जो राज्यपाल के जाने से बाहर आ सकता है. गवर्नर आनंद शुक्रवार को मालदा पहुंचे. उनके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी मुर्शिदाबाद में हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने और वहां के हालात का मुआयना करने पहुंच गई है.
पीड़ितों की परेशानी जान रहे राज्यपाल
मालदा पहुंचे गवर्नर आनंद ने कहा कि उन्होंने शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात कर पूरा मामला जानने की कोशिश की. उनकी परेशानियां और शिकायतें सब सुनीं. उन्होंने ये भी बताया कि वे लोग चाहते क्या है. इसके साथ ही राज्यपाल को महिलाओं ने बताया कि कैसे बदमाशों ने उनके घरों में घुसकर मारपीट की. उनके साथ बदसलूकी की और उनको डराया धमकाया. राज्यपाल आनंद बोस ने उनको कार्रवाई का भरोसा दिया है.
अपने ही घर में घिरीं ममता बनर्जी!
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और महिला आयोग की टीम के वहां पहुंचने से ममता बनर्जी घिरती नजर आ रही हैं. ममता दीदी ने राज्यपाल से अपील की थी कि वे वहां न जाएं. ममता ने तो यहां तक कहा था कि कोई भी गैर स्थानीय मुर्शिदाबाद न जाए. वहां के हालात को देखते हुए वह खुद भी वहां नहीं जा रही हैं. लेकिन राज्यपाल ने उनकी एक न सुनी और वह पीड़ितों से मिलने पहुंच गए. दरअसल वह हिंसा और नुकसान का जायजा लेकर इस पर रिपोर्ट तैयार करना चाहते हैं.
बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगेगा?
वक्फ कानून की आग में पश्चिम बंगाल बुरी तरह जल रहा है. मुर्शिदाबाद का हाल बहुत ही बुरा है. बीएसएफ वहां पूरी तरह से मुस्तैद है. ममता दीदी भी अब वहां शांति होने का दावा कर रही हैं. लेकिन राज्यपाल और महिला आयोग खुद हालात का जायजा लेकर इस पर रिपोर्ट तैयार करना चाहता है. इसके बाद क्या होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. बीजेपी को हिंसा के बाद से ही बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है. गवर्नर ने भी संकेत दे दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर पीछे नहीं हटा जाएगा.