कोरबा – जिले के करतला तहसील का है जहां के गिधौरी गांव में एक रिटायरमेंट शिक्षक अपने बेटे के डिग्री पर बिना किसी डर के अपने घर पर ही लोगों का इलाज करने में जुटा है। वह सिर्फ दवा और इंजेक्शन ही मरीजों को नहीं दे रहा है बल्कि अपने घर पर मेडिकल व अस्पताल खोलकर रखे हैं साथ ही मरीज को भर्ती कर उन्हें ग्लूकोज की बॉटल लगाने का भी काम करते है।

अपने निवास में चला रहा अस्पताल
भले ही आजादी को 76 वर्ष बीत गए, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी बहुत तरक्की हुई, कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज तक आ गया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों को आज भी अंधी स्वास्थ्य सेवाओं से मुक्त नहीं कराया जा सका। यहां अब भी बिना डिग्री और बिना प्रशिक्षण के लोग डॉक्टर बनकर अस्पताल चला रहे हैं। ग्राम गिधौरी बस्ती में एक ऐसा अस्पताल चल रहा है और इस अस्पताल को चलाने वाले बिना डिग्री के डॉक्टर का नाम है चित्रभान देवांगन जो लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है नर्सिंग एक्ट को ठेंगा दिखाकर रिटायरमेंट शिक्षक अपनी अस्पताल चला रहे हैं। वे अपनी कमाई के लिए लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे सहित प्रशासन को अवैध क्लीनिक संचालन की जानकारी तो है, लेकिन वे कार्रवाई से बचते हैं। विकासखंड के लगभग हर गांव में फर्जी डॉक्टर अपनी क्लीनिक खुलेआम चला रहे है। शहरी क्षेत्रों में भी बिना लाइसेंस के कई क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। यहां तक की फर्जी डिग्री या बिना डिग्री के आधार पर भी लोगों का उपचार किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को जांच करने तक की फुर्सत नहीं है , जरूरत है ऐसे लोगों पर त्वरित कार्रवाई की ,अब देखना यह है इन पर कार्यवाही होती है या इसी तरह से इनकी दुकान चलती रहेगी ।