छत्तीसगढ़ times now – हम सब को बचपन मे बहुत प्यारी लगती थी एक मूवी जिसका नाम था “मोगली” उस मूवी मे दिखाया जाता है की एक बच्चा जंगल मे जानवरों के बीच पलता है,जानवरों की भाषा समझता है ,उसके तीन खास दोस्त होते थे ,जो उसे शेर खान से बचाना चाहते है ,उन दोस्तों मे एक होता है बघिरा जो उसका खास होता है ,जो काले रंग का एक बाघ होता है ,जिसकी आंखे नीली होती है , आज वो बघिरा यानि कला बाघ छत्तीसगढ़ के अचानकमार मे आया है जिनकी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है , विश्व बाघ दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ के लिए भी खुशखबरी मिली है. प्रदेश के 2 टाइगर रिजर्व पार्क में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. लोरमी जिले में मौजूद अचानकमार टाइगर रिजर्व के साथ ही इंद्रावती टाइगर रिजर्व में लगे ट्रैप कैमरे में बाघ दिखने से टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने खुशी जाहिर की है. साथ ही अचानकमार में एक बार फिर ब्लैक पैंथर (मेलनिस्टिक लैपर्ड) को देखा गया है. यहां लगे ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद हुई है. देखें विश्व बाघ दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ के लिए भी खुशखबरी मिली है. प्रदेश के 2 टाइगर रिजर्व पार्क में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. लोरमी जिले में मौजूद अचानकमार टाइगर रिजर्व के साथ ही इंद्रावती टाइगर रिजर्व में लगे ट्रैप कैमरे में बाघ दिखने से टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने खुशी जाहिर की है. साथ ही अचानकमार में एक बार फिर ब्लैक पैंथर (मेलनिस्टिक लैपर्ड) को देखा गया है. यहां लगे ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद हुई है. देखें तस्वीर

अचानकमार वन्य अभयारण्य (Achanakmar Wildlife Sanctuary) भारत के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। यह छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले और मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले व डिंडौरी ज़िले में विस्तारित है। 557.55 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाला यह अभयारण्य सन् 1975 में स्थापित हुआ था, 2005 में अचानकमार-अमरकंटक संरक्षित जैवमंडल का भाग बना और 2009 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत एक बाघ अभयारण्य घोषित कर दिया गया

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