केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि अपने राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजें। सूत्रों के अनुसार गृहमंत्री शाह ने शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों बात की और उन्हें अपने-अपने राज्यों में सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया जाए।

पहलगाम में पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के सभी प्रकार के वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया गया है। शाह ने मुख्यमंत्रियों से लोगों की शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को भी कहा है। 

सिंधु जल समझौते पर बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अपने आवास पर सिंधु जल संधि को लेकर एक बैठक भी करेंगे। इस बैठक में गृह मंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के अलावा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार भारत ने सिंधु जल संधि के निलंबन के बारे में पाकिस्तान को औपचारिक तौर पर लिखित रूप से सूचित कर दिया है। भारत ने संधि में बदलाव के लिए नोटिस जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार ने संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान सरकार को नोटिस दिया है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि संधि के कई मूलभूत पहलू बदल गए हैं और उन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। 

भारत ने पाकिस्तान से क्या कहा?

भारत ने अपने पत्र में कहा कि है कि जनसंख्या में परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और जल वितरण से संबंधित विभिन्न कारक जिनका संधि में जिक्र है, वे बदले हैं। भारत की तरफ से कहा गया है कि किसी भी संधि को सद्भावनापूर्वक लागू किया जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। पत्र में कहा गया है कि भारत ने संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत 1960 की सिंधु जल संधि (संधि) में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान सरकार को नोटिस भेजा है। पत्र में कहा गया है कि संधि के निष्पादन के बाद परिस्थितियों में मूलभूत परिवर्तनों के कारण संधि के विभिन्न अनुच्छेदों के तहत दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है।” 

पहलगाम हमले के बाद लिया फैसला

पत्र में कहा गया है, “इन बदलावों में जनसंख्या में महत्वपूर्ण बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता और संधि के तहत जल बंटवारे में अन्य बदलाव शामिल हैं।” जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।