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कोरबा – जिले के कुसमुंडा खदान विस्तार होने के बाद कई ऐसे लोग है जिन्होंने अपनी जमीन तो SECL को दे दी लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिला । 22 वर्षों से भूमि के एवज में मिलने वाले रोजगार के लिये SECL कुसमुंडा प्रबंधन का चक्कर काट रहे है, लेकिन एस.ई.सी.एल. कुसमुण्डा क्षेत्र द्वारा बार-बार गुमराह व झूठा आश्वासन दिया जा रहा हैं, जिससे ग्रामीणों को मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जब वे एस.ई.सी.एल कार्यालय में जानकारी के लिए जाते हैं तो उन्हें कुछ नहीं बताया जाता हैं ,न ही सूचना के अधिकार का जवाब मिलता है, भू-विस्थापितों के साथ गुंडा गर्दी अफसरशाही से पेश आते हैं।दिनांक 29/05/2025 को समस्त रोजगार लंबित मामलों में रोजगार नहीं देने पर, अनिश्चित कालिन हड़ताल एवं खदान उत्पादन ठप्प किया जायेगा, जिसकी समस्त जवाबदारी एस.ई.सी.एल. कुरामुण्डा क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक होगा। 29/05/25 को जरहाजेल के भू विस्थापितों के द्वारा ज्ञापन दिया गया है ,जो पूर्व में भी खदान बंद हड़ताल कर चुके हैं, परन्तु एस ई सी एल प्रबंधन लंबित मामलों में शायद कोई विचार करना नहीं चाहती, सभी अधिकारी इस पेंच से बचने के प्रयास में लगे हैं। अब देखना यह है कि आगे,22 वर्षों से नौकरी के लिए भटक रहे, भू विस्थापित जिन्होंने देश के विकाश के लिए अपनी जमीन दे दी लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिला,अब एस ई सी एल प्रबंधन उन्हें क्या आश्वाशन देती है, क्या ग्रामीण अपने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर अडिग रह पाएंगे।